ग. घन आनन्द रसयेन, कहौ कृपानिधि कौन हित। मरत पपीहा नैन दरसौ पर बरसौ नहीं। पहचाने हरि कौन मो सें अनपहचान को त्यों पुकार मधि मौन कृपा-कान मधि नैन ज्य 1 SEE ANSWER
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