गृह कार्य:-
1. आपके अनुसार हमारा समाज कैसा होना चाहिए? बताइए.
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Answers
नीयत शुद्ध करने की व्यवस्था करें। इसकी शुरुआत परिवार जो कि समाज की आधारभूत संरचना है उससे की जा सकती है। क्योंकि कई परिवार मिलकर एक समाज और कई समाज मिलकर एक राष्ट्र का निर्माण करते हैं। हमारे शासन व्यवस्था में भी इन्हीं किसी परिवार से उठकर कोई व्यक्ति जाता है और इस लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी करता है। यदि नीयत को परिमार्जित किया जाए तो ऐसे शुद्ध नीयत वाले व्यक्ति जिस किसी भी संस्था में जाएँगे वहाँ वे अपने ईमानदार कार्यों से संस्था के उन्नति में योगदान तो करेंगे ही साथ ही संस्था में कोई कदाचार व भ्रष्टाचार की संभावना नहीं रहेगी जिससे कार्य सुचारू व व्यवस्थित ढंग से चलेगा और अन्य लोगों में संस्था के प्रति रोष भी नहीं होगा
परिवार में बचपन से ही शिशुओं में शुभ संस्कारों का सिंचन करें व परिवार में शुभता के माहौल का सृजन करें। परिवार में शांति का माहौल बनाएं। परिवार में शुभता का संचार होगा तो समाज में भी आदर्श चीजें स्वतः परिलक्षित होने लगेंगी।
सबके मूल में नीयत ही है जैसा कि ऊपर भी स्पष्ट है। अतः नीयत की शुद्धि के लिए आध्यात्म की जलधारा में स्नान करें। आध्यात्मिकता का प्रसार करें। ध्यान रहे आध्यात्मिकता और अंध-धार्मिकता/मज़हबी कट्टरता में ज़मीन आसमान का फ़र्क है। एक साधारण सा व्यक्ति भी एक मंदिर के पुजारी या दरगाह के मौलवी या गिरिजाघर के पादरी से कहीं अधिक आध्यात्मिक हो सकता है।
आदर्श समाज के निर्माण के मूल में जो सन्निहित है मैंने उस मूल को सींचित व परिशोधित करने की बात कही है। अन्य हज़ार चीजें हो सकती हैं जो आदर्श समाज के निर्माण में योगदान करें लेकिन वे कारण मूल में सन्निहित नहीं हैं, अतः अन्य कारण मेरी समझ से उतने महत्वपूर्ण नहीं हैं।