गृह कार्यप्र० 1. बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद हुए। - इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है?
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1. बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद हुए।
- इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है?
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मन के छंद से यहाँ तात्पर्य मन की खुशी से है। अर्थात् यहाँ कठपुतलियाँ कहती हैं कि बहुत दिनों से हमने अपनी मर्ज़ी से अपनी खुशी के लिए कुछ नहीं किया। इसी कारण से हमारे मन की इच्छाएँ खत्म हो गई हैं, हमारे मन का दुख दूर नहीं हुआ।
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