गृह प्रवेश कविता में _______ वाद की झलक मिलती है?
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गृह प्रवेश कविता में _______ वाद की झलक मिलती है?
गृह प्रवेश कविता में ...प्रयोगवाद... की झलक मिलती है।
व्याख्या :
‘गृह प्रवेश’ कविता सतीश जयसवाल द्वारा लिखित लगता है, जिसमें कवि ने एकाकी जीवन जीने वाले व्यक्तियों द्वारा अपने एकाकीपन और सन्नाटे को दूर करने का प्रयत्न करते हुए दिखाया गया है। उन्होंने इस कविता के माध्यम से अकेले जीवन व्यतीत करने वाले व्यक्तियों की व्यथा का सजीव चित्रण किया है।
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