गृह विज्ञान को असके विकास के प्रथम चरण में किस नाम से जाना जाता था
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मुझे धर्मगृह विज्ञान (Home Sciences) शिक्षा की वह विधा है जिसके अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास, आन्तरिक सज्जा, वस्त्र एवं परिधान, गृह-निर्माण आदि का अध्ययन किया जाता है।[1]
गृह विज्ञान का अर्थ
गृह विज्ञान अथवा घर के विज्ञान का संबंध आप से, आपके घर से, आपके परिवार के सदस्यों ऐसा विज्ञान, जो एक घर को स्वस्थ तथा सानंद बनाए रखने और आवश्यकता पड़ने पर एक सफल पेशे के चुनाव में आपकी मदद करे।
गृह विज्ञान आपको चीजों को उपयोग करने की कला सिखाता है, जिससे कि चारों एक संपूर्ण सुव्यवस्था, सुंदरता और आंदमयी वातावरण के निर्माण में सहायता मिलती है। इसके साथ ही यह घर करता है तथा साथ ही उनके कार्यों के बारे में भी बताता है। यह एक ’विज्ञान’ है। और जब आप इन्हीं आवश्यक पोषक तत्त्वों से भरपूर भोजन को अपने परिवार को आकर्षक ढंग से परोसते हैं तो यह एक ’कला’ है।
विज्ञान और कला का यह समन्वय आपके जीवन के हर क्षेत्र में काम आता है। उनमें से कुछ निम्नलिखित हैं -
घर, जिसमें आप रहते हैं,
भोजन, जो आप खाते हैं,
वस्त्र, जो आप पहनते हैं,
परिवार, जिसकी आप देखभाल करते हैं,
हैं, लेकिन लोगों को उनका वैज्ञानिक आधार नहीं पता है। उदाहरणहवा से खराब होने से बचाता है। इसी प्रकार के अनेक उदाहरण हर किसी के जीवन में मिल जाएंगे। यह बात ध्यान रखने योग्य है कि जो काम हम करते हैं यदि हम उसके बारे में यह जानते हैं कि हम क्या दोनों के लिए रोजगार के अनेक अवसर उलब्ध कराता है। विद्यालय में गृह विज्ञान के एक विषय के रूप में अध्ययन से बहुत सारे रोजगार के अवसर उपलमें गृह विज्ञान की पढ़ाई करके प्राप्त होने वाले रोजगार के कुछ आम अवसर हैं। गृह विज्ञान की पढ़ाई के बाद आप काफी अच्छी आय वाली और संतोषजनक नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं।
गृह विज्ञान के संघटक क्षेत्र
गृह विज्ञान के मुख्य रूप से पांच अंग हैं। ये निम्नलिखित हैं-
आहार तथा पोषण
संसाधन प्रबंधन
वस्त्र तथा सूत विज्ञान
मानव विकास
शिक्षा तथा विस्तार
आज यह विज्ञान इतना विकसित हो चुका है कि इसके प्रत्येक अंग के अपने उप-विभाग भी विकसित हो चुके हैं। ये उप-विभाग निम्नलिखित हैं-
आहार तथा पोषण
पोषण विज्ञान
पोषण-औषधीय पोषण तथा सामुदायिक पोषण
संस्थागत खाद्य सेवा
वस्त्र तथा सूत विज्ञान
सूत विज्ञान
वस्त्र विज्ञान
शिशु कल्याण
किशोरावस्था, विवाह तथा परिवार शिक्षा
बुजुर्गों की देखभाल
शिक्षा तथा विस्तार
गृह विज्ञान शिक्षकों की तैयारी
सामुदायिक सेवा तथा कल्याण
अनौपचारिक शिक्षा
भारत में गृह विज्ञान की शिक्षा का इतिहास
गृह-विज्ञान के भारतीयकरण और इसके प्रसार में कुछ भारतीय स्त्रियों ने प्रमुख भूमिका निके रूप में।
उपभोक्ताओं के अधिकारों के सलाहकार के रूप में।
उपभोक्ता सामग्री व सेवाओं के विक्रय प्रतिनिधियों के रूप में।
बचत व निवेश योजनाओं के प्रतिनिधि के रूप में।
बचत निवेश योजनाओं के कर्मचारी के रूप में।
फर्नीचर, उपकरणों व अन्य घरेलू सामान, सरकारी एम्पोरियम, हस्तकला केन्द्रों, घरेलू चीजों की उत्पादन इकाइयों के शोरूम के कर्मचारियों के रूप में।
नर्सरी स्कूल, डे केयर सेन्टर, क्रेच व बालवाड़ी के कर्मचारी के रूप में।
अतिथि गृह, होटल व दफ्तरों की देखरेख कर्मियों के रूप में।