Hindi, asked by sudhachinthireddy, 3 months ago

(ग) इस कविता का मूल भाव अपने शब्दों में लिखिए।​

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Answered by NirmalPandya
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कविता का केंद्रीय आधार यह है कि अस्तित्व एक लड़ाई जैसा दिखता है, जिसे लेखक अग्निपथ के रूप में व्याख्या करता है। मनुष्य को इस मार्ग पर आत्मविश्वास से चलने की आवश्यकता है। चुनौतियों से मनुष्य को डरना नहीं चाहिए। कठिनाइयों के बावजूद, उनसे अप्रभावित रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर काम करते रहें।

कविता की मुख्य थीसिस यह है कि जीवन एक युद्ध की तरह है, जिसे लेखक अग्निपथ मानता है। मनुष्य को निश्चयपूर्वक इस मार्ग का चुनाव करना चाहिए। पुरुषों को चुनौतियों से नहीं डरना चाहिए। चुनौतियों के बावजूद उन्हें आपको रोकने के बिना अपने उद्देश्य की ओर प्रयास करते रहें।

#SPJ1

Answered by Rameshjangid
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पूरा प्रश्न – मनुष्यता कविता का मूल भाव अपने शब्दों में समझाएं।

उत्तर – श्री सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित ‘मनुष्यता’ कविता में मानवता, एकता, दूसरों के प्रति सहानुभूति, सदभाव, उदारता और करुणा रखना आदि भाव को प्रतिपादित किया गया है।

  • कवि अपनी इस कविता के माध्यम से मनुष्य को स्वार्थ, भिन्नता, वर्गवाद, जातिवाद जैसे विचारों और संकीर्णताओं से मुक्त करना चाहता है और सभी मनुष्य में उदारता के भाव को जागृत करना चाहता है।
  • कवि यह चाहता है कि इस विश्व का हर एक मनुष्य समस्त संसार में सभी लोगो के साथ अपनत्व की अनुभूति करे और सभी का आदर करे।
  • वह दुख और जरूरत के लिए अपना बड़े से बड़ा त्याग करने को भी तैयार रहे। सभी एक दूसरे का सहयोग करके देवत्व को प्राप्त करे और हंसता – खेलता जीवन बिताए । वह अलगाव और भिन्नता से दूर रहकर आपसी मेल भाव को बढ़ाने का प्रयास करे। यही इस कविता का मूल भाव है।

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