(ग) जहाँ बाल-बच्चे और घर-बार होता है, सौ किस्म
की झंझटे होती हैं। कभी बच्चे को तकलीफ है
तो कभी-जच्चा को। ऐसे वक्त में कर्ज की जरूरत
कैसे न हो? घर-बार हो तो कर्ज भी माफ होगा iaska lekha koi hai
ही।
मान
अथवा
कर
देंगे भाई,
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जहां बाल बच्चे और घर बार होता है सब किस्मत की झंझट ए होती है कभी बच्चे को तकलीफ है तो कभी बच्चा को ऐसे वक्त में कर्जा की जरूरत कैसे ना हो घर बाघ हो तो काजल ही माफ होगा संदर्भ सहित व्याख्या कीजिए
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