Hindi, asked by happy121695, 4 months ago

गुजरात तथा छतीसगढ़ की पोशाक के बारे मे जानकारी लिखिए|​

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Answered by sakshigautam5063
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पुरूषों के लिए गुजरात के पारंपरिक परिधान

1. कुर्ता

रोज़ पहनने वाला कुर्ता कॉटन के कपड़े का होता है. इसके अलावा फ़ेस्टिवल में पहने जाने वाले कुर्ते में कढ़ाई या कुछ डिज़ाइन होती है.

2. धोती

धोती कपड़े का एक लंबा टुकड़ा है, जो पुरुषों के के द्वारा पहनी जाती है. इसे कमर के चारों ओर लपेटा जाता है और पैरों के बीच से टक किया जाता है. गुजराती पुरुष सफ़ेद या हल्के रंग की धोती पहनते हैं.

3. केड़ियू (Kediyu)

केड़‍ियों पर आमतौर पर 'ऊन-भरत वर्क' किया जाता है. ये गुजरात की पारंपरिक कशीदाकारी है. इस प्रकार की कशीदाकारी में रंग-बिरंगे ऊनों से कपड़े पर सुंदर डिज़ाइन बनाई जाती है. केड़ियू फ़्रिल के साथ फ़्रॉक की तरह का कुर्ता होता है.

4. फ़ेंटो (Phento)

फ़ेंटो एक पगड़ी जैसी होती है, जिसे ज़्यादातर गांव में रहने वाले गुजराती पुरुषों द्वारा पहना जाता है.

5. आभूषण

युवा लड़के ज़्यादा ज्वैलरी नहीं पहनते हैं. गुजरात के पुरुष एक सोने की अंगूठी और एक सोने की चेन पहन सकते हैं.

6. चोरन (Chorn)

चोरन एक प्रकार की सूती पैंट है, जिसे गुजराती पुरुष पहनते हैं. ये सिली हुई धोती की तरह दिखती है और बहुत ढीली और आरामदायक होती है.

महिलाओं के लिए गुजरात के पारंपरिक परिधान

1. घाघरा चोली या चनिया चोली

गुजराती महिलाओं की पारंपरिक पोशाक चनिया चोली या घाघरा चोली है. महिलाएं इसके साथ ओढ़नी भी डालती हैं.

2. चुन्नी

महिलायें अपनी पोशाक को पूरा करने के लिए चुन्नी, ओढ़नी या दुपट्टा लेती हैं. महिलाएं चोली के बजाय कुर्ता भी पहन सकती हैं, जिसे झोबो और लहंगा भी कहा जाता है.

3. चनियो (Chaniyo)

Chaniyo या लहंगा महिलाओं द्वारा पहना जाने वाली एक रंगीन स्कर्ट जैसी होती है. Chaniyo में शीशे और रंगीन धागों का काम होता है.

4. अंगिया

महिलाएं ऊपर पोल्कू या चोली पहनती हैं. ये एक कढ़ाई वाला छोटा ब्लाउज़ होता है.

5. साड़ी

साड़ी को गुजराती महिलाएं पीछे से आगे की ओर पहनती हैं. उनके साड़ी का पल्लू पीछे से आगे की ओर होता है. गुजराती महिलाएं घर की चाबियां अपनी कमर में सिल्वर हुक की मदद से लगाए रखती हैं.

गुजराती महिलाओं का पारंपरिक आभूषण

गुजरात में एक विवाहित महिला मंगल सूत्र, चूड़ियां, हार, झुमके और नाक के छल्ले पहनती है इसके साथ ही बिंदी-सिंदूर भी लगाती हैं. अविवाहित महिलाएं छोटी बालियां पहनती हैं.

विशेष समारोहों के लिए कपड़े

रास गरबा

रास, जोड़ी में किया जाने वाला लोक नृत्य है. इसमें जोड़ियां हाथों में डांडिया लेकर नाचती है और डांस करते हुए एक-दूसरे को मारती हैं. रास गरबा नवरात्रि, शादियों और किसी भी अन्य उत्सव के दौरान किया जाता है.

रास गरबा में महिलाएं चनिया चोली या घाघरा चोली पहनती हैं. साथ में एक रंगीन कमरबंद होता है. इसके अलावा दुपट्टे को उड़ने से रोकने के लिए कमरबंध दुपट्टे के ऊपर से बांधा जाता है.

पुरुष केविय और चूड़ीदार पहनते हैं. चूड़ीदार टाइट पायजामा होता है और केविया लंबा सा फ़्रिल वाला कोट होता है.

दुल्हन के परिधान

दुल्हन शादी समारोह के लिए साड़ी पहनती है. साड़ी 'पानेतर' साड़ी या 'घरचोला' हो सकती है. पानेतर एक सफ़ेद साड़ी है जिसमें लाल बांधिनी बॉर्डर होता है. होती है. घारचोला एक पारंपरिक लाल बांधिनी साड़ी है, जिसके चारों ओर बुने हुए चकोर पैटर्न होते हैं.

दूल्हे के लिए पोशाक

दूल्हा एक डिज़ाइन वाला कुर्ता पहनता है. जिसमें कढ़ाई या ज़री का काम होता है. इसके अलावा धोती और पगड़ी होती है. हालांकि, आजकल दूल्हे धोती के बजाय कुर्ते के नीचे चूड़ीदार पहनने लगे हैं.

कच्छ की पारंपरिक पोशाक

कच्छ की महिलाएं एक विशेष प्रकार की चोली पहनती हैं जिसे आभा या कंजरी कहा जाता है. आभा ब्लाउज़ शीशे के काम और सोने और चांदी के धागे के काम से बनाया जाता है.

पुरुष शॉर्ट फ़्रॉक जैसे कोट के साथ ढीली पैंट पहनते हैं, जो बटन के बजाय कोट से जुड़े एक डोरी के साथ बंधे होते हैं. वो कोट के अंदर लंबी आस्तीन की जैकेट पहनते हैं. इसके अलावा सिर पर लाल या सफ़ेद रंग का फ़ेंटो पहनते हैं.

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