Hindi, asked by hanifatulzannat5, 5 months ago

गोकुल लीला
सूस
में।
किलकर काह मुरुस्वनि आवत।
मनिषय करक मेद के आँगन बिन पकरिने, पावत।
कबहु निरखि हरि, आपु खगह को, कर सौंपकरन चाहत।
किलकि हसत राजत दै दतियाँ, पुनि-पुनि तिहिं अवगाह
कनक भूमि पर कर-पग-हाया. यह उपमा इक राजति ।
करि-करि प्रतिपद प्रतिमनि बसुधा, कमल बैठकी साजति।
जाल-दसा सुख निरखि जसोदा, पुनि-पुनि नन्द बुलावत।
अँचरा तर लै हौक, सूर के प्रभु को दूध पियावति ।।
पद
और
चल
है।​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

hello good morning I am Siddharth Nagar

Similar questions