Hindi, asked by Studygradebow, 3 months ago

ग. कवि के अनुसार सौ वर्ष जीना क्यों व्यर्थ है ?​

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Answered by surendramehta355
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Answer:

उत्तर -: कवि ने निम्नलिखित पंक्तियों में गर्व रहित जीवन व्यतीत करने की बात कही है-:

रहो न भूल के कभी मगांघ तुच्छ वित्त में,

सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में।

अर्थात सम्पति के घमंड में कभी नहीं रहना चाहिए और न ही इस बात पर गर्व करना चाहिए कि आपके पास आपके अपनों का साथ है क्योंकि इस दुनिया में कोई भी अनाथ नहीं है सब उस परम पिता परमेश्वर की संतान हैं।

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