ग) कवि ने दर्शन, मीमांसा को फुरसत की बकझक क्यों कहा है?
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Explanation:
पल में रो देते हो, पल में हँस पड़ते हो,
अपने में रमकर तुम अपने से लड़ते हो
पर यह सब तुम करते - इस पर मुझको शक है,
दर्शन, मीमांसा - यह फुरसत की बकझक है,
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