India Languages, asked by sanika4713, 5 months ago

गुलाब या शब्दा वरुन कविता please help me ​

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Answered by shradha202010
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Answer:

हंसते हुए चेहरे की अदावरी, हंसते हुए गुलाब से यूं करी,

तुम्हारी मुस्कान ही है इतनी, मोहक गुलाबी-सी मदभरी।  

अधर हैं जैसे कोमल, मालकौस गाती-सी वो दो पंखुड़ि‍यां,

कितना समानीकरण है फिर, तेरे और गुलाबों के दरमि‍यां।  

 

झील-सी नीली आंखों की शोखियों में, खिलता नीला गुलाब,  

ये कुछ पीले गुलाब बयां करते हैं, तेरी मधुरता और शबाब।>  

सादगी और मासूमियत तुझमें, फिर उस सफेद गुलाबों-सी

तेरी घनेरी जुल्फें ओस भीगी, बिरहन है काले गुलाबों-सी।

 

तुम्हें रक्खूं सहेज कर किताब में, तुम प्रेम कहानी-सी रूहानी,

मंत्रमुग्ध-सी सुगंध को बिखेरती, भीनी-भीनी गंध जिस्मानी।  

इस प्यार के रंग मे रंग जाओ, मेरी शाम रूमानी-सी गा जाओ,  

शूल में खिलती-सी तुम, हंसता हुआ फूल गुलाबी बन जाओ।

Explanation:

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