Hindi, asked by VriddhiYadav, 8 days ago

गोल हैं खूब मगर आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा। आप पहने हुए हैं कुल आकाश तारों-जड़ा; सिर्फ़ मुँह खोले हुए हैं अपना गोरा-चिट्टा गोल-मटोल,
सप्रसंग व्यख्या:​

Answers

Answered by debendrakhadka880
5

Hello Brother ‌or sister I can not help you because I am from Nepal you are from India our language is different I don't know about your language so I cannot help you sorry .

Answered by qwstoke
12

गोल हैं खूब मगर आप तिरछे नज़र आते हैं ज़रा। आप पहने हुए हैं कुल आकाश तारों-जड़ा; सिर्फ़ मुँह खोले हुए हैं अपना गोरा-चिट्टा गोल-मटोल,

सप्रसंग व्याख्या निम्नलिखित है।

संदर्भ - प्रस्तुत कव्यांश " चांद से थोड़ी सी गप्पें " कविता से लिया गया है। कविता के कवि है शमशेर बहादुर सिंह

प्रसंग - कविता में चांद से गप्पे लड़ाते हुए एक लड़की कहती है कि शायद चांद को कोई बीमारी है क्योंकि जब चांद घटता है तो घटता ही चला जाता है तथा बढ़ता है तो बढ़ता ही चला जाता है।

व्याख्या - लड़की चांद से कहती है कि वैसे तो आपका आकार गोल है मगर आप थोड़े तिरछे दिखते हो क्योंकि पूर्णिमा से पहले आप पूरे गोल नहीं होते हो। आप ने तारों से जड़ित वस्त्र पहन रखे हैं। इन श्वेत वस्त्रों से पूरे ढके हुए है केवल अपना मुंह खोल हुए है।

Similar questions