Biology, asked by vishalsonare258, 9 hours ago

ग्लाइकोलिसिस के विभिन्न पदो को समझाइए।​

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Answered by Anonymous
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ग्लाइकोलाइसिस, ऑक्सी व अनॉक्सी दोनों प्रकार के श्वसनों की, कोशिकाद्रव्य में संपन्न होने वाली ऐसी श्रृंख्लाबद्ध रासायनिक क्रिया हैं जिसमें ग्लूकोज के एक अणु के विघटन के फलश्वरूप पाइरुविक अम्ल के दो अणुओं का निर्माण होता हैं | इसमें 2 ATP अणुओं का उत्पादन होता हैं तथा अपचायी को-एंजाइम बनते हैं जो ऑक्सी अवस्था में और ATP अणुओं का निर्माण कर सकते हे | इसके अंतगर्त होने वाली क्रियाओं निम्न प्रकार संपन्न होती हे - प्रथम फास्फोरिलीकरण - इस क्रिया में ग्लूकोज शर्करा ATP से क्रिया करके ग्लूकोज 6-फॉस्फेट बनाती हे | यह क्रिया हेक्सोकाइनेज एंजाइम द्वारा उत्प्रेरित होती हे और

एक सहकारक की तरह काम करता हे | समावयवीकरण - उपयुक्त क्रिया द्वारा बने ग्लूकोज 6-फॉस्फेट का फॉस्फो हेक्सो आइसोमरेज एंजाइम द्वारा फ्रक्टोज 6-फॉस्फेट में समावयवीकरण हो जाता है | द्वितीय फास्फोरिलीकरण - फ्रक्टोज 6-फॉस्फेट का फास्फोफ्रक्टोकाइनेज एंजाइम तथा

की उपस्थिति में ATP द्वारा फास्फोरिलीकरण होता है जिसके परिणामश्वरूप फ्रक्टोज 1, 6-डाइफास्फेट बनता है | हेक्सोज शर्करा के विखण्डन द्वारा फास्फोग्लिसरैलिडहाइड का निर्माण - द्वितीय फास्फोरिलीकरण की क्रिया द्वारा बने फ्रक्टोज 1, 6-डाइफास्फेट का एल्डोलेज एंजाइम की उपस्थिति में विखण्डन ३क यौगिकों के 2 अणुओं 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड तथा डाइहाइड्रॉक्सी ऐसीटोन फॉस्फेट में होता है | ये दोनों यौगिकों ट्रायोज फॉस्फेट आइसोमरेज द्वारा एक-दूसरे में परिवर्तित होते रहते है | लेकिन इन दोनों में से केवल 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड का ही ऑक्सीकरण होता है | इस तरह ग्लूकोज के एक अणु द्वारा 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड के दो अणुओं का निर्माण होता है | 1, 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड का निर्माण -- उपयुक्त क्रिया में बना 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड का अणु, फॉस्फोरिक अम्ल के अणु से क्रिया करके 1, 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड अणु बनता है | 1, 3-डाइफास्फोग्लिसरिक अम्ल का निर्माण -- 1, 3-फास्फोग्लिसरैलिडहाइड का अणु फास्फोग्लिसरैलिडहाइड डीहाइड्रोजिनेज एंजाइम द्वारा 1, 3-डाइफास्फोग्लिसरिक अम्ल में ऑक्सीकृत हो जाता है | इस क्रिया में NAD हाइड्रोजनग्राही के रूप में कार्य कर NADH में बदल जाता है | फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का निर्माण -- अब 1, 3-डाइफास्फोग्लिसरिक अम्ल के अणु से एक फॉस्फेट निकलकर ADP से संयोजित होकर ATP का निर्माण करता है | प्रत्येक 1, 3-डाइफास्फोग्लिसरिक अम्ल से एक फॉस्फेट निकलने से यह 3- फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल के अणु से एक फॉस्फेट निकलकर ADP से संयोजित होकर ATP का निर्माण करता है | प्रत्येक 1, 3-डाइफास्फोग्लिसरिक अम्ल से एक फॉस्फेट निकलने से यह 3- फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में बदल जाता है | इस क्रिया में फॉस्फोग्लिसरिक काइनेज एंजाइम एक उत्प्रेरक का कार्य करता है | 2-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का बनना -- अब 3-डाइफास्फोग्लिसरिक अम्ल, फास्फोग्लिसरोम्यूटेज एंजाइम द्वारा उत्प्रेरित होकर अपने आइसोमर 2-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल में बदल जाता है | फास्फोइनाल पाइरुविक अम्ल का बनना -- 2-फॉस्फोग्लिसरिक अम्ल का अणु जल का अणु मुक्त कर फास्फोइनाल पाइरुविक अम्ल में बदल जाता है | इस क्रिया को इनोलेज एंजाइम उत्प्रेरित करता है | पाइरुविक अम्ल का बनना -- यह ग्लाइकोलाइसिस का अंतिम चरण है | इसके अंतगर्त उपयुक्त क्रिया में बने फास्फोनोल पाइरुविक अम्ल से एक फॉस्फेट समूह निकलकर पाइरुविक अम्ल का निर्माण करता है | यह क्रिया पाइरुविक काइनेज द्वारा उत्प्रेरित होती है I इस प्रकार एक ग्लूकोज अणु से ग्लाइकोलाइसिस के पश्चात 2 पाइरुविक अणुओं का निर्माण होता है |

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