गिल्लू को मुक्त क्यों और कैसे किया गया? इससे लेखिका की मानवीयता कैसे प्रदर्शित
होती है?
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गिल्लू महादेवी वर्मा द्वारा रचित कहानी है। महादेवी वर्मा पशु प्रेमी थी। गिल्लू रचना में गिल्लू एक गिलहरी का नाम है जो महादेवी वर्मा के सभी जानवरों में से सबसे करीब है।
गिल्लू को मुक्ति अंतसमय में मिला। लेखिका बहुत ही अच्छी थी। वह समस्त जीवों से प्रेम करती थी। गिल्लू के साथ महादेवी वर्मा का संबंध मां और बच्चे जैसा था। गिल्लू महादेवी वर्मा के बिना खाना भी नहीं खाता था।
महादेवी वर्मा भी गिल्लू के बिना अपना दिन चर्या शुरू नहीं करती थी।
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गिल्लू महादेवी वर्मा के गिलहरी का नाम था | महादेवी वर्मा गिल्लू से बहुत प्रेम करती थी |गिल्लू उनका पालतू जैसा हो गया था| गिल्लू महादेवी वर्मा के बिना नहीं रह सकता था |और महादेवी वर्मा भी गिल्लू के बिना नहीं रह सकती थी |
महादेवी वर्मा गिल्लू के बारे में उन्होंने एक लेख लिखा था| वह गिल्लू के बिना खाना नहीं खाती थी| और गिल्लू उनके बिना खाना नहीं खाता था |महादेवी वर्मा ने इस कहानी को भी गिल्लू का नाम ही दिया |
महादेवी वर्मा जातक अपने घर से बाहर काम में रहती तब तक गिल्लू उदास होकर बैठा रहता | जैसे ही महादेवी वर्मा अपने घर आती वैसे ही कर लो उनके पास दौड़कर जाता महादेवी वर्मा उसे ठहर प्यार करती | इससे लेखिका की मान्यता प्रदर्शित होती है कि वह कितनी पशु प्रेमी है|