Hindi, asked by dfcv5771, 1 year ago

गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता का वर्णन कीजिए।

Answers

Answered by Shivyaa
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महादेवी वर्मा जी ने गिलहरी के बच्चे के घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाकर उसका प्राण बचाया। रहने के लिए झूला लगाकर उसे गिल्लू नाम के साथ सम्मानित किया। गिल्लू को खाने के लिए काजू तथा बिस्कुट दिया, थाली में से एक-एक चावल उठाकर खाने को सिखाया। अन्य गिलहरियों के साथ उछल-कूद करने के लिए अवसर दिया। गिल्लू के अंतिम दिनों में उसे बचाने की पूरी कोशीश भी की और उसकी मृत्यु के बाद समाधि भी बनायी गयी। इस प्रकार महादेवी वर्मा जी ने गिल्लू के प्रति अपनी ममता को दर्शाया है। 
Answered by madhusudanmadhusudan
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Answer:

Explanation:

गिल्लू के प्रति महादेवी ममतामई थी। जब वह छोटा सा बच्चा काक के घाव हुए चोंच से तड़प रहा था तब उसे हौले से उठाकर अपने कमरे में लाई और रक्त को रुई से पोंच कर पेंसिल इन का मरहम लगाया। कई घंटे उसकी उपचार की। उसे फूल रखने की एक कल की डलिया में रूही बिछाकर उसे खिड़की पर लटका दिया गया और उसका घर बना दिया गया। उसे गिल्लू से पुकारने लगे। उसे खाने के लिए काजू या बिस्कुट दिया करते थे। उसे अपने दोस्त गिलहरियों के साथ खेलने जोड़ा जाता था। उसके साथ महादेवी वर्मा जी खेला करती थी।

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