'गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की सांस ली'।
राइट आंसर प्लीज।
Answers
Answered by
3
Answer:
hope this may help you
plz mark Me as brainliest
Explanation:
व्याख्यात्मक हल :
जब गिल्लू के जीवन का पहला बसंत आया तब बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक की आवाज करके मानो कुछ कहने लगीं। गिल्लू भी जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकता रहता। तब लेखिका को लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है। इसलिए कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया। ऐसे लगा कि गिल्लू ने इससे बाहर जाकर जैसे मुक्ति की साँस ली। लेखिका के हृदय में जीवों के प्रति दया का भाव था वह उनकी इच्छाओं का सम्मान करती थी। वह पशु-पक्षियों को किसी बंधन या कैद में नहीं रखना चाहती थी। जब । उन्हें महसूस हुआ कि गिल्लू बाहर जाना चाहता है तो उन्होंने उसे बाहर जाने के लिए स्वयं रास्ता दे दिया।
Similar questions