गुलाम वंश के प्रथम सुल्तान के बारे में और
उन्हीं के द्वारा निर्माण किया गया लिर्माण के बारे
में लिखिए।
TM से पत्र
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Explanation:
दिल्ली सल्तनत का उदय कब हुआ ये तो सही प्रकार से ज्ञात नहीं है क्यूंकि मुस्लिम और अंग्रेज इतिहासकारों ने दिल्ली का इतिहास अपने हिसाब से लिखा है| विदेशी इतिहासकारों के मत से 1206 से 1526 तक भारत पर शासन करने वाले पाँच वंश के सुल्तानों के शासनकाल को दिल्ली सल्तनत (उर्दू: دلی سلطنت) या सल्तनत-ए-हिन्द/सल्तनत-ए-दिल्ली कहा जाता है। ये पाँच वंश ये थे- गुलाम वंश (1206 - 1290), ख़िलजी वंश (1290- 1320), तुग़लक़ वंश (1320 - 1414), सैयद वंश (1414 - 1451), तथा लो दी वंश (1451 - 1526)। इनमें से चार वंश मूलतः तुर्क थे जबकि अंतिम वंश अफगान था। अब यहाँ ये गौर करने वाली बात है की गुलाम वंश जो की मुहम्मद गौरी के गुलाम का वंश था उन्हें ये दिल्ली का नाम कहाँ से ज्ञात हुआ | और भी ज्यादा हैरानी की बात है की सम्राट पृथ्वीराज चौहान जिन्हें दिल्ली का आखरी हिन्दू सम्राट कहा जाता है वो दिल्ली की ही तख़्त पर थे और उन्हें ये सिंहासन अपने नाना अनंगपाल तोमर से प्राप्त हुआ था जो की तोमर राजपूत वंशीय थे अर्थात पृथ्वीराज चौहान से पहले भी दिल्ली साम्राज्य व्याप्त था | तो ये बात तो कतई मानी नहीं जा सकती की दिल्ली की सभ्यता का आरम्भ विदेशी मुस्लिम आक्रमणकारियों द्वारा किया गया |