गीली उम्र बनाने वाले का क्या अर्थ है
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hiii
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नीरज: कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है
Kavya Desk काव्य डेस्क
gopaldas neeraj ki kavita
Irshaad
छिप-छिप अश्रु बहाने वालो !
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मोती व्यर्थ बहाने वालो !
कुछ सपनों के मर जाने से जीवन नहीं मरा करता है।
सपना क्या है? नयन सेज पर
सोया हुआ आँख का पानी,
और टूटना है उसका ज्यों
जागे कच्ची नींद जवानी
गीली उमर बनाने वालो।
डूबे बिना नहाने वालो !
कुछ पानी के बह जाने से सावन नहीं मरा करता है।
माला बिखर गयी तो क्या है
ख़ुद ही हल हो गई समस्या,
आँसू गर नीलाम हुए तो
समझो पूरी हुई तपस्या,
रूठे दिवस मनाने वालो !
फटी कमीज़ सिलाने वालो !
कुछ दीपों के बुझ जाने से आँगन नहीं मरा करता है।
Answer:
गीली उम्र बनाने वाले का अर्थ है कच्ची उम्र।
Explanation:
यह कविता गोपालदास नीरज ने लिखी है इसमें नीरज ने बताया है हमारे सपने टूट जाने से जीवन समाप्त नही हो जाता हैं। हमारे सपने टूटने से हमे आसू व्यर्थ नहीं बहाने चाहिए, हमे आगे बढ़ना चाहिए, गीली उम्र नही बनानी चाहिए हमे बलवान बनना चाहिए। वह कहते है की कुछ पानी के बह जाने से सावन समाप्त नही होता है वैसे ही हमारा जीवन कुछ दुखी से और सपने टूटने से समाप्त नही होता है।
अतः सही उत्तर है, कच्ची उम्र।
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