Hindi, asked by prerana9599, 7 months ago

गुलिवर ट्रैवल स्टोरी इन हिंदी​

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Answered by anitadoifode01
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Answer:

गुलिवर्स ट्रेवल्स (1726, 1735 में संशोधित), एक एंग्लो-आयरिश लेखक और पादरी जोनाथन स्विफ्ट के द्वारा लिखा गया एक उपन्यास है। ... यह मानव के स्वभाव पर तो व्यंग्य करता ही है, साथ ही अपने आप में "यात्रियों की कहानियों" की एक उप-साहित्यिक शैली की पैरोडी भी है।

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Answered by Anonymous
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टापू पर पहुचने के बाद gulliver ने देखा की टापू बड़ा अजीब सा है, उसने उस जैसे टापू को पहले कभी नहीं देखा था अब गुलिवर को भूख लग रही थी सो अपनी भूख मिटाने के लिए वह जंगल में गया और कुछ फलो की तलाश कर रहा था,अब gulliver कुछ नारियल पेड़ पर दिखे और खाने के बाद गुलिवर सोचने लगा की अब तो उसकी नाव भी टूट गयी है और उसने सोचा की अब उसे पहले नाव को बनाना होगा और उसे बनाकर समुन्दर से निकल जाएगा, पर उसे लग रहा था की नाव बनाने में समय तो बहुत लगेगा,फिर समुन्दर में और तूफ़ान आ गया इस पर gulliver ने सोचा की नाव का काम तूफ़ान के बाद रुकने पर ही करेगा, Because तूफ़ान इतनी तेज था की कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था, बारिश के भी आसार नज़र आ रहते है, सो उसने एक झोपडी बनाई और उसी में gulliver ने अपनी रात बिताने का फैसला किया अब रात भी होने लगी थी और gulliver वही पर सोने लगा जैसे ही गुलिवर सुबह उठा तो उसने देखा की उसके हाथ पैर सभी बंधे हुए थे और वह सोचने लगा की उसके पैर आदि किसने बांधे है तभी उसकी नज़र एक बौने आदमी पर गयी और गुलिवर ने देखा की वो आदमी तो बोना था मानो उसने कभी इतना छूट आदमी पहले कभी नहीं देखा था और गुलिवर ने कहा की मुझे छोड़ दो तुम कोन हो और मुझे क्यों बाधा हैl

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