Hindi, asked by msingh577, 6 months ago


ग) लखनवी अंदाज पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक ने खीरा खाने से मना क्यों किया?
३) फादर कामिल बुल्के एक सन्यासी थे परंतु पारंपरिक अर्थ में हम उन्हें सन्यासी क्यों नहीं कह सकते?​

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Answered by Anonymous
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Answer: 1 लेखक ने खीरा खाने से मना इसलिए कर दिया है क्योंकि जिस तरह नवाब साहब ने उनसे खीरा खाने के लिए पुछा था उससे साफ-साफ पता लगता है कि नवाब साहब बिल्कुल भी इछुक नहीं थे उन्हें खीरा देने में तो लेखक उनका यही व्यवहार देखकर खीरा खाने से मना कर दिया होगा।

Answer  2  फ़ादर बुल्के अपनी वेशभूषा और संकल्प से संन्यासी थे परंतु वे मन से संन्यासी नहीं थे। . फ़ादर बुल्के को भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग इसलिए कहा गया है क्योंकि वे बेल्जियम के रेश्व चैपल से भारत आकर यहाँ की संस्कृति में पूरी तरह रच-बस गए थे।

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