- गामा की किस बात को सुनकर फारसी पत्रकार हक्का-बक्का रह गया ? और क्यों ? स्पष्ट करे।
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¿ गामा की किस बात को सुनकर फारसी पत्रकार हक्का-बक्का रह गया ? और क्यों ? स्पष्ट करें।
➲ जब गामा पहलवान मुंबई आए तो उन्होंने विश्व के सारे पहलवानों को कुश्ती करने का चैलेंज दिया था। समाचार पत्रों में यह समाचार प्रकाशित होते ही एक फारसी पत्रकार ने उनके पास जाकर कहा, कि ‘आप विश्व के किसी भी पहलवान से लड़ने के लिए तैयार हैं, तो आप अपने अमुक शिष्य से ही लड़ कर विजय प्राप्त करके दिखाएं।’
फारसी पत्रकार की इस बात से गामा पहलवान हैरान रह गए उन्होंने पारसी पत्रकार को जवाब दिया कि ‘हम भारतीय हैं हमारा रहन-सहन और संस्कृति और परंपरा एकदम अलग हैय़ हम अपने शिष्य को अपने से भी अधिक श्रेष्ठ बनाना चाहते हैं। आपने मेरे जिस शिष्य से मुझे लड़ने के लिए कहा है, उससे लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। मेरे जितने भी शिष्य है, वे मेरे पसीने की कमाई है, मेरा ही खून है और मुझे अपने बेटे से भी अधिक प्रिय हैं। उनमें और मुझ में कोई अंतर नहीं है। वह लड़ें या मैं लड़ूं, एक ही बात है। यह हमारी परंपरा है। मैं सदैव यह चाहूंगा कि मेरा सिर मुझ से भी अधिक नाम कमाए, मुझसे भी अधिक योग्य बने। इसलिए मेरा अपने शिष्य से लड़ने का और उसे चुनौती देने का कोई मतलब नही है। मेरा शिष्य मुझसे भी अधिक योग्य बने और नाम कमाये तो मुझे और अधिक गौरव होगा। यही हमारी भारतीय परंपरा है, यही हमारी संस्कृति है जहाँ गुरु अपने शिष्य के लिए स्वयं से अधिक योग्य होने की कामना करता है।’
गामा पहलवान की यह बात सुनकर फांसी पत्रकार हक्का-बक्का रह गया
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