(ग) “मन सागर' मनसा लहरि, बूड़े बहे अनेक।
ka matlab
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मन-सागर, मनसा लहरि, बूड़े-बहे अनेक। ' प्रस्तुत पंक्ति मेंं मन पर सागर का और मनसा (इच्छा) पर लहर का आरोप होने से रूपक अलंकार है। ... यहाँ मुख उपमेय में शशि उपमान का अरोप होने से रूपक अलंकार का चमत्कार है।
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