Hindi, asked by SanskritiRay, 4 months ago

गुन के गाहक सहस नर, बिन गुन लहै न कोय। जैसे कागा कोकिला, सबद गुने सब कोय।। सबद गुने सब कोय, कोकिला लागै सुहावन। दोउ को रंग एक, कागा सब भए अपावन ॥ कह गिरधर कविराय, सुनो हो ठाकुर मन के बिन गुन लहै न कोय, सहस नर गाहक गुन क के। भावार्थ please​

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Answered by Snehalkhatake
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कवि गुणवान व्यक्तियों का महत्त्व बताते है|कौए और कोयल की वाणी की तुलना करते हुए कवि ने कोयल की मधुर वाणी का महत्त्व बताया है कि कोयल की मधुर आवाज के कारण वह सबकी प्रिय है इसी प्रकार मिठा बोलने वालो को सभी पसंद करते है|

Answered by franktheruler
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दिए गए पद्यां जा भावार्थ निम्न प्रकार से स्पष्ट किया गया है

  • प्रस्तुत कविता में कवि ने आंतरिक गुणों की चर्चा की है जो मनुष्य में विद्यमान है। बिना गुणों के व्यक्ति की कद्र नहीं होती । गुणी लोग सबका मन जीत लेते है ।
  • इन पंक्तियों का अर्थ है कि बिना गुणों के किसी का कोई महत्व नहीं है , कोयल व कागा दोनों गाते है तो कोकिला का गीत सभी को सुरीला लगता है , लेकिन कौआ गया है तो लोग पसन्द नहीं करते।
  • आगे कवि कहते है कि जिस प्रकार नाव में पानी भर जाता है, तब नाव के डूबने का खतरा रहता है , तब दोनों हाथो से पानी को निकालना पड़ता है जिससे नाव डूबे नहीं ।
  • उसी प्रकार जब घर में धन अधिक ही जाता है तो हमें दोनों हाथो से दान करना चाहिए।

#SPJ2

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