(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
1. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को
सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए। ।
2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में
बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात
की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन
आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने
इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको
बर्फ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।
षा-अध्ययन
' না का कीजिए.
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Answer:
1 एवरेस्ट की सर्वोच्च चोटी पर चढ़ना एक महान अभियान है। अतः इसमें पग पग पर जान जाने का खतरा होता है।अतः यदि ऐसे कठिन कार्य करते हुए मृत्यु भी हो जाए तो उसे सहज घटना के रूप में लेना चाहिए बहुत हाय तोबा नहीं मचानी चाहिए।
2 आशय यह है कि ग्लेशियरों के बहने से बर्फ में हलचल होने से बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानें अचानक गिर जाती हैं। इससे धरातल पर दरार पड़ जाती है। यही तरारे हिम विदर में बदल जाती हैं जो पर्वतारोहियों की मृत्यु का कारण बन जाता है। इसका ख्याल ही मन में भय पैदा कर देता है।दुर्भाग्य से यह भी जानकारी मिल गई थी कि इस अभियान दल में अपने अभियान के दौरान ऐसे हिमपात का सामना करना ही पड़ेगा।
3जब बचेंद्री पाल हिमालय की चोटी पर सफलतापूर्वक पहुंच गई तो उसने घुटने के बल बैठकर बर्फ को माथे से छुआ। बिना सर नीचे झुकाए हुए ही अपने थैले से दुर्गा मां का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। उसने इन्हें एक लाल कपड़े में लपेटा थोड़ी सी पूजा की फिर चित्र तथा हनुमान चालीसा को बर्फ में दबा दिया।उस समय उसे बहुत आनंद मिला उससे प्रसन्नता पूर्वक अपने माता-पिता को याद किया।