गुण बड़े एक से एक प्रखर,
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेहँदी में जैसे लाली हो,
वर्तिका-बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नहीं जलाता है,
रोशनी नहीं वह पाता है।)
-रामधारी सिंह दिनकर
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HAAN !!!
KYA KRRE ? HMKO PTA HAI DUNIYA DAARI KA :(
anurajgupta71:
mulvab chahiya
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Answer:
mahandi ka tulona kisa udayasha SA diya Gaya ha
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