Hindi, asked by anurajgupta71, 1 year ago

गुण बड़े एक से एक प्रखर,
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेहँदी में जैसे लाली हो,
वर्तिका-बीच उजियाली हो,
बत्ती जो नहीं जलाता है,
रोशनी नहीं वह पाता है।)
-रामधारी सिंह दिनकर

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Answered by Anonymous
5

HAAN !!!

KYA KRRE ? HMKO PTA HAI DUNIYA DAARI KA :(


anurajgupta71: mulvab chahiya
Answered by shamimlaskar7002
1

Answer:

mahandi ka tulona kisa udayasha SA diya Gaya ha

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