India Languages, asked by isha197163, 9 months ago

गुणा गुणज्ञेषु गुणा भवन्ति
ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः।
सुस्वादुतोयाः प्रभवन्ति नद्यः
समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेयाः ।।1।। write in hindi​

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Answered by shishir303
45

गुणा गुणज्ञेषु गुणा भवन्ति

ते निर्गुणं प्राप्य भवन्ति दोषाः।

सुस्वादुतोयाः प्रभवन्ति नद्यः

समुद्रमासाद्य भवन्त्यपेयाः ।।

भावार्थ :  गुण केवल गुणी लोगों में ही पाए जाते हैं। तभी तक वे सद्गुण रहते हैं। जब वे निर्गुण लोगों में चले जाते हैं तो वह अवगुण बन जाते हैं। बिल्कुल उसी प्रकार जिस तरह नदी का जल मीठा होता है और वह पीने योग्य होता है। लेकिन समुद्र में मिलते ही वह जल पीने लायक नहीं रहता अर्थात उसका गुण समाप्त हो जाता है।

Answered by raghavendranaik1109
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