Science, asked by sarah234, 1 year ago

गुण के गाहक सहस नर
iss vishay par nibhandha likho

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Answered by anuj9296
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गुनके गाहक सहस नर, बिन गुन लहै न कोय ।

जैसे कागा-कोकिला, शब्द सुनै सब कोय ।

शब्द सुनै सब कोय, कोकिला सबे सुहावन ।

दोऊ को इक रंग, काग सब भये अपावन ॥

कह गिरिधर कविराय, सुनौ हो ठाकुर मन के ।

बिन गुन लहै न कोय, सहस नर गाहक गुनके ॥


sarah234: poem likhne ko nahi bola
sarah234: anyways thank u for wasting ur time for me
sarah234: no problem
Answered by Anonymous
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गुण के गाहक सहस नर nibandh nhi ye to shalok hai bhai


sarah234: ok
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