Hindi, asked by chandraaman3399, 7 months ago

गुण स्वर संधि तथा आयादि स्वर संधि का परिभाषा लिखकर - तीन-तीन उदाहरण दो।​

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Answered by Anonymous
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गुण संधि की परिभाषा

जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो 'ए' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ओ' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो 'अर' बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है

अयादि संधि की परिभाषा

जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है। य , व् से पहले व्यंजन पर अ , आ की मात्रा हो तो अयादि संधि हो सकती है लेकिन अगर और कोई विच्छेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखना होगा।

Answered by bivashshil0775
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Answer:

गुण संधि :- अ या आ के बाद यदि इ/ई आए तो दोनों मिलकर ए, उ/ऊ आए तो ओ, तथा ऋ आए तो अर् हो जाते है उन्हें गुण संधि कहते है।

उदाहरण :- नर + इंद्र = नरेंद्र

महा + इंद्र = महेंद्र

पर + उपकार = परोपकार

अयादि संधि :- जब ए/ऐ या ओ/औ के बाद कोई असमान स्वर आए, तो ए का अय्, ऐ का आय्, ओ का अव् तथा औ का आव्

हो जाता है और आगेवाले स्वर उनके साथ मात्रा रूप में जुड़ जाता है उसे अयादि संधि कहते है।

उद्धरण :- ने + अन = नयन

नै + अक = नायक

पो + अन = पवन

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