गुण सन्धि और वृद्धि सन्धि में क्या अन्तर है?
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जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
गुण संधि के कुछ उदाहरण
महा + ईश : महेश (आ + ई = ए)
जब संधि करते समय जब अ , आ के साथ ए , ऐ हो तो ‘ ऐ ‘ बनता है और जब अ , आ के साथ ओ , औ हो तो ‘ औ ‘ बनता है। उसे वृधि संधि कहते हैं।
वृद्धि संधि के उदाहरण
सदा + एव : सदैव (आ + ए = ऐ)
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