गोपाल कृष्ण गोखले का जीवन चरित्र
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Gopal Krishna Gokhale CIE [ˈɡoːpaːl ˈkrɪʂɳə ˈɡoːkʰleː] was an Indian liberal political leader and a social reformer during the Indian Independence Movement. Gokhale was a senior leader of the Indian National Congress and the founder of the Servants of India Society. Wikipedia
Born: 9 May 1866, Bombay Presidency
Died: 19 February 1915, Mumbai
Spouse: Savitribai (m. 1880–1887)
Books: Speeches and Writings of Gopal Krishna Gokhale, more
Education: Elphinstone College (1884), Rajaram College
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गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9मई, 1866 ई. को महाराष्ट्र (Maharashtra)के रत्नगिरि जिले के एक कोतलुक ग्राम में महाराष्ट्रीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था।जब उनकी आयु 13 वर्ष की थी तभी उनके पिताजी का देहांत हो गया और गोखले को अपनी शिक्षा प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना पङा।
वे प्रायः सङक की बत्ती की रोशनी में बैठकर पढते थे तथा स्वयं हाथ से खाना पकाकर खाते थे। उसमें लगन व अथक परिश्रम करने की क्षमता थी। 1884 ई. में 18 वर्ष की आयु में बंबई के एलफिन्सटन कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और पूना के एक अंग्रेजी स्कूल में अध्यापक हो गये।
यह स्कूल आगे चलकर प्रसिद्ध फर्ग्यूसन महाविद्यालय के रूप में विकसित हुआ और गोखले 1902 ई. में उसके आचार्य पद से रिटायर हुए थे।यद्यपि वे इतिहास और अर्थशास्त्र के प्राध्यापक थे, किन्तु गणित में विशेष योग्यता रखते थे तथा अंग्रेजी भाषा के प्रति उनका विशेष लगाव था।
उन्होंने एडमंड बर्क की पुस्तक रिफ्लेक्शन्स ऑफ द् फ्रेंच रिवोल्यूशन को कंठस्थ कर, बर्क से न केवल भाषण कला की प्रेरणा प्राप्त की बल्कि ब्रिटिश रूढिवाद को भी अपना लिया। गोखले का उदारवादी चिंतन तथा उनके क्रांति विरोधी विचार, बर्क के विचारों से ही प्रभावित थे।
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