गोपाल सिंह नेपाली की कविता 'हिमालय और हम', रामधारी सिंह 'दिनकर' की कविता 'हिमालय' तथा जयशंकर प्रसाद की कविता 'हिमालय के आँगन में' कविताओं के दिए गए पद्यांश को लिखकार, उन कविताओं की तुलना पाठ में वर्णित हिमालय के चित्रण से कीजिय | तुलना को अपने शब्दों में लिखिए |
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‘गोपाल सिंह नेपाली’ की कविता ‘हिमालय और हम’, ‘रामधारी सिंह दिनकर’ की कविता ‘हिमालय’ को पढ़ा। ‘जयशंकर प्रसाद’ की ‘हिमालय के आंगन’ नाम से कोई कविता नही है, बल्कि ‘भारत महिमा’ नाम से कविता है, जिसका आरंभ ‘हिमालय के आंगन’ होता है।
गोपाल सिंह नेपाली की कविता ‘हिमालय और हम’ पूरी तरह हिमालय के लिये समर्पित कविता है, जिसमें हिमालय की गौरव गाथा का वर्णन किया गया है।
रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी कविता में हिमालय का अतिश्योक्ति पूर्ण वर्णन किया है, और हिमालय को एक वीर राष्ट्र प्रहरी की तरह प्रस्तुत किया है।
जयशंकर प्रसाद ने अपनी कविता ‘भारत महिमा’ में भारत देश का गुणगान किया है। हिमालय इस कविता का केंद्र बिंदु न होकर भारत और उसकी गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा है और हिमालय इस परंपरा का एक भाग है।
तीनों कविता प्रेरणादायक कविता हैं, जो मन में अपने देश के प्रति अगाध श्रद्धा का भाव भर देती हैं।
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Answerयह यह कहना चाहता है कि गोपाल सिंह जी नेपाली कविता है जिसका नाम हिमालय और हम हैं रामधारी सिंह की भी एक कविता है जिसका नाम दिन पर है बीमार उसका एक और नाम है जिसका नाम हिमालय है और जयशंकर प्रसाद की कविता है हिमालय के आंगन में और इन तीनों को पढ़कर हमें की तुलना करने की कौन सी जा रहा है और मुझे हिमालय और हम कविता बहुत पसंद है
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