Hindi, asked by keshavmishra657, 1 month ago

गुप्त जी की चिरसंचित अभिलाषा क्या थी?
OA) भगवान राम का कीर्तिमान
OB) श्री कृष्ण का कीर्तिमान
OG) अपने पिता का कीर्तिमान
OD) अपने माता पिता का कीर्तिमान​

Answers

Answered by AdyaV2911
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Answer:

option c is your answer

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Answered by sourasghotekar123
0

उनकी चिरसंचित अभिलाषा उनके पिता का कीर्तिमान था।

मैथिलीशरण गुप्त एक प्रख्यात कवि थे जो हिंदी साहित्य के विकास में अहम भूमिका निभाते थे। उन्होंने अपने पिता की अपने जीवन में बहुत इज्जत की थी और उन्हें सदा याद रखा।

मैथिलीशरण गुप्त के पिता श्री केशवदत्त गुप्त एक विद्वान थे और वे भारतीय संस्कृति और धर्म के अध्ययन में रुचि रखते थे। उन्होंने अपने पिता के उदार विचारों और नैतिक मूल्यों से प्रभावित होकर अपने जीवन में उनकी समझ, दृष्टिकोण और उनकी संस्कृति के महत्व को समझा।

इस प्रकार, मैथिलीशरण गुप्त ने अपने पिता को अपने जीवन का कीर्तिमान माना और उन्हें याद रखा। वे अपनी कविताओं में अपने पिता को गुरु और मार्गदर्शक के रूप में व्यक्त करते थे।

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