गुप्त काल में विज्ञान एवं तकनीकी के विकास में हुए परिवर्तन को प्रमुख उदाहरणों की सहायता से समझाइए
Answers
Answer:
गुप्त काल में विज्ञान के विकास का पता चलता है। गुप्तकालीन विज्ञान के अंतर्गत मुख्यत: गणित, ज्योतिष और आयुर्वेद का विकास हुआ। आर्यभट्ट, वराहमिहिर और ब्रह्मगुप्त गुप्तकालीन वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अपने ग्रन्थों में विज्ञान की विवेचना की। आर्यभट्ट का प्रसिद्ध ग्रन्थ आर्यभट्टीयम् है। उसने गणित को अन्य विषयों से मुक्त कर स्वतंत्र रूप दिया। उसके अन्य ग्रन्थ दशगीतिक सूत्र और आर्याष्टशतक हैं। आर्यभट्ट ने पृथ्वी को गोल बताया और उसकी परिधि का अनुमान किया। इस प्रकार आर्यभट्ट विश्व के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने यह स्थापित किया कि पृथ्वी गोल है। आर्यभट्ट ने ग्रहण का राहु-ग्रास वाला जन विश्वास गलत सिद्ध कर दिया। उसके अनुसार चन्द्र ग्रहण चन्द्रमा और सूर्य के मध्य पृथ्वी के जाने और उसकी चन्द्रमा पर छाया पड़ने के कारण लगता है। उसकी इन धारणाओं का वराहमिहिर और ब्रह्मगुप्त ने खंडन किया। आर्यभट्ट ने दशमलव प्रणाली की भी विवेचना की। आर्यभट्ट का शून्य, तथा दशमलव सिद्धान्त सर्वथा नयी देन थी। संसार के गणित इतिहास में आर्यभट्ट का महत्त्वपूर्ण स्थान है। उसने वर्षमान निकाला जो कि टालेमी द्वारा निकाले हुए काल से अधिक वैज्ञानिक है।
Explanation:
mark me as barinelist