Hindi, asked by surjeetskoundal, 11 months ago

गोपियां कृष्ण पर कया कटाक्ष करती हैं कक्षा10​

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Answered by suraj6515
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गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या वयंग्य निहित है?

उत्तर: गोपियों को पता है कि उद्धव भी कृष्ण से असीम प्रेम करते हैं। वे तो बस उद्धव से इसलिए जलती हैं कि उद्धव कृष्ण के पास रहते हैं। कृष्ण के पास रहने के कारण उद्धव को शायद विदाई की वह पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती जो गोपियों को झेलनी पड़ती है। उन्हें भाग्यवान कहकर गोपियाँ इसी बात की ओर इशारा कर रही हैं।

उद्धव के व्यवहार की तुलना किस किस से की गई है?

उत्तर: उद्धव की तुलना कमल के पत्ते तथा तेल चुपड़े गागर से की गई है। कमल का पत्त जल में रहकर भी गीला नहीं होता। तेल चुपड़े गागर पर पानी की एक भी बूँद ठहर नहीं पाती। गोपियों के अनुसार, उद्धव तो कृष्ण के समीप रह कर भी उनके प्रेम के दंश से वंचित हैं।

गोपियों ने किन-किन उदाहरणों के माध्यम से उद्धव को उलाहने दिये हैं?

उत्तर: गोपियों ने कई तरह से उद्धव को उलाहने दिये हैं। उदाहरण के लिए, वे उद्धव पर यह आक्षेप लगा रही हैं कि उद्धव तो श्याम के रंग से अनछुए ही रह गये हैं। एक अन्य पद में यह कहा गया है कि उद्धव तो योगी हो गए हैं जिनपर विरक्ति सवार है।

उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम कैसे किया?

उत्तर: गोपियाँ कृष्ण के जाने के बाद विरह की अग्नि में जल रही हैं। वे कृष्ण के आने का इंतजार कर रही थीं कि उनके बदले में उद्धव आ गए। उद्धव उनके पास अपने मन पर नियंत्रण रखने की सलाह लेकर पहुँचे हैं। कृष्ण के बदले में उद्धव का आना और उनके द्वारा मन पर नियंत्रण रखने की बात ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम किया है।

‘मरजादा न लही’ के माध्यम से कौन सी मर्यादा न रहने की बात की जा रही है?

उत्तर: यहाँ पर कृष्ण पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने प्रेम की मर्यादा का पालन नहीं किया।

कृष्ण के प्रति अपने अनन्य प्रेम को गोपियों ने किस प्रकार अभिव्यक्त किया है?

उत्तर: कृष्ण के प्रति अपने प्रेम को व्यक्त करने में गोपियों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। वे उद्धव के सामने अपना सारा दर्द बयान करती हैं। वे तरह तरह के उदाहरणों से बताती हैं कि कृष्ण के प्रेम से वे किस तरह से सराबोर हैं।

Answered by krishnanshi3950
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Answer:

हारिल की लकरी' श्रीकृष्ण को कहा गया है, क्योंकि जिस प्रकार हारिल पक्षी अपने पैरों में सदैव एक लकड़ी पकड़े रहता है, उसी प्रकार गोपियों ने भी कृष्ण को दृढ़ता से हृदय में धारण किया हुआ है और उन्हें छोड़ने को तैयार नहीं हैं।

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