Hindi, asked by rajanprajapati30, 9 months ago

: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग्य निहित है?​

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Answered by parihar201097shri
382

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इसमें व्यंग निहित हैकि उध्दव वास्तव में भाग्यवान नहीं है बल्कि अति भाग्यहीन है। वे श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी उनके प्रेम में नहीं रह पाए अर्थात जो कृष्ण के साथ एक छण भी बैठे तो कृष्णमय हो जाता है।

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Answered by Anonymous
108

Answer:

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गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान कहते हुए व्यंग्य कसती है कि श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी वे श्री कृष्ण के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे। वे कैसे श्री कृष्ण के स्नेह व प्रेम के बंधन में अभी तक नहीं बंधे?, श्री कृष्ण के प्रति कैसे उनके हृदय में अनुराग उत्पन्न नहीं हुआ? अर्थात् श्री कृष्ण के साथ कोई व्यक्ति एक क्षण भी व्यतीत कर ले तो वह कृष्णमय हो जाता है। परन्तु ये उद्धव तो उनसे तनिक भी प्रभावित नहीं है प्रेम में डूबना तो अलग बात है।

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