गुपतयुग के दौरान सामाजिक और धार्मिक जीवन का विवरण लिखे
Answers
Answered by
1
Answer:
answer is down:
Explanation:गुप्तों का सामाजिक जीवन गुप्तयुगीन सामज में वर्ण व्यवस्था पूर्णरूपेण प्रतिष्ठित थी। भारतीय समाज के परंपरागत चार वर्णों – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र के अतिरिक्त कुछ अन्य जाति भी अस्तित्व में आ चुकी थी। ... मृच्छकटिकम, जो गुप्तकालीन रचना है, में चारुदत्त नामक ब्राह्मण को सार्थवाह (व्यापारी) कहा गया है।
Similar questions