Hindi, asked by pritambasu1009, 9 months ago

गुरु गोबिंद' दोऊ खड़े काके लागू पायें।
बलिहारी गुरु आपनो, जिन गोबिंद दियौ बताय।।
जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाहि ।
प्रेम गली अति साँकरी', तामे दो न समाहि ।
काँकर पाथर जोरि कै, मसजिद लई बनाय।
ता चढ़ि मुल्ला बाँग दे, क्या बहरा खुदाय।।
पाहन पूजे हरि मिले, तो मैं पूनँ पहार।
ताते ये चाकी भली, पीस खाय संसार ।।
सात समंद की मसि करौं, लेखनि बनराय।
सब धरती कागद करौं, हरि गुन लिखा न जाय। ( Ishka Puro arth ) From Shakhi.​

Answers

Answered by anuj20061
0

Explanation:

is Gh mvfkl BBC chm. vhk

Similar questions