"ग्रामीण जीवन के यथार्थ को आदर्श के परिधान से सजाकर पाठक के सामने लाने में प्रेमचन्द दक्ष थे। प्रेम
के साहित्य में तत्कालीन कृषक और श्रमिक के जीवन का यथार्थ चित्रण समाज में क्राँति लाने में सफल
हुआ। मानवतावाद के समर्थक प्रेमचन्द गाँधीजी की विचारधारा से प्रभावित थे।"
(क) प्रेम चन्द के साहित्य में किसका चित्रण है?
(ख) उपर्युक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए।
(ग) उपायुक्त गद्यांश का सार एक-तिहाई भाग में लिखिए।
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ans (a) इसमें उस दौर के समाजसुधार आन्दोलनों, स्वाधीनता संग्राम तथा प्रगतिवादी आन्दोलनों के सामाजिक प्रभावों का स्पष्ट चित्रण है
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