ग्रामीणों को बिना किसी भुगतान के योगदान देने के लिए मजबूर
किया गया श्रम क्या
कहलाता है।
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ग्रामीणों को बिना किसी भुगतान के योगदान देने के लिए मजबूर किया गया श्रम बंधुआ मजदूरी कहलाती है। आदमी हमारे देश भारत में तथा विश्व की कई जगहों पर इस तरह की बंधुआ मजदूरी की प्रथा प्रचलित थी, हालांकि इस पर बहुत नियंत्रण स्थापित किया जा चुका है। लेकिन कुछ समय पूर्व तक हमारे देश में बंधुआ मजदूरी बहुत बड़े स्तर पर प्रचलित थी। अग्रेंजों ने बी बंधुआ मजदूरी की तरह भारतीय का बहुत शोषण किया।
बंधुआ मजदूरी से तात्पर्य उस तरह के श्रम से है, जिसमें किसी व्यक्ति को बंधक बनाकर बिना किसी मजदूरी अथवा नाम मात्र की मजदूरी के श्रम करने के लिए बाध्य किया जाता था। बंधुआ मजदूरी शोषण का ही प्रतीक थी।
बंधुआ मजदूरी रोकने के संबंध में देश में कानून बना हुआ है, जिसे बंधुआ मजदूरी प्रणाली उन्मूलन अधिनियम 1976 कहते हैं। इस कानून के तहत किसी को भी बंधुआ मजदूरी के लिए बाध्य करना इस कानून का उल्लंघन है। हालाँकि देश के कई ग्रामीणों इलाकों में इस तरह की अमानवीय प्रथा आज भी प्रचलित है।
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