ग्रामीण और शहरी संस्कृति की तुलना करके एक परियोजना कार्य तैयार कीजिye
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Answer:ग्रामीण समाजशास्त्र क्या है?
चूंकि समाजशास्त्र अध्ययन का एक विशाल क्षेत्र है, इसलिए इसे कई उप-क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। ग्रामीण समाजशास्त्र समाजशास्त्र के उप-अध्ययन क्षेत्रों में से एक है। यह मुख्य रूप से ग्रामीण समुदायों और कृषि, पारंपरिक और सांस्कृतिक पहलुओं से संबंधित विशेषताओं के बारे में अध्ययन करता है जो ग्रामीण क्षेत्रों में आम हैं। यह कहा जाता है कि 1900 के दशक में ग्रामीण समाजशास्त्र संयुक्त राज्य अमेरिका में एक विषय क्षेत्र के रूप में विकसित हुआ, लेकिन अब, यह एक दिलचस्प विषय क्षेत्र बन गया है।ग्रामीण समुदायों के अपने रीति-रिवाज और परंपराएँ हैं जिन्हें वे अपनाते हैं और कृषि एक ग्रामीण समुदाय के सबसे सामान्य पहलुओं में से एक है। इस प्रकार, खाद्य और कृषि का समाजशास्त्र ग्रामीण समाजशास्त्र में मुख्य अध्ययन क्षेत्रों में से एक है।
Answer:
आजादी के कई दशक बाद भी भारत इतनी असमानताओं से भरा पड़ा है कि अक्सर यह कहा जाता है कि यहां दो देश हैं - एक भारत एवं एक इंडिया। यह देश के ग्रामीण एवं शहरी इलाकों की दो अलग-अलग वास्तविकताओं को दर्शाता है। लेकिन यह आवश्यक है कि ग्रामीण एवं शहरी दोनों ही क्षेत्रों के निवासी एक दूसरे के साथ सद्भाव पूर्वक रहें। राष्ट्रीय सर्वेक्षण संगठन के अनुसार वर्ष 2009-10 में देश के ग्रामीण इलाकों में औसत प्रति व्यक्ति मासिक खर्च 1054 रुपए था, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह में 1984 रूपए था, जिसका मतलब है कि शहरी निवासियों का प्रति व्यक्ति खर्च गांवों में रहने वाले लोगों की तुलना में 88% प्रतिशत अधिक था।