Hindi, asked by shastrisompal, 5 months ago

ग्राम सुधार विषय पर विकास अधिकारी एवं ग्राम सेवक के मध्य संवाद ​

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Answered by Anonymous
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सरकार ने ग्राम पंचायतों में ग्राम सेवक के पदनाम को बदलकर ग्राम विकास अधिकारी कर दिया है। सरकार ने सिर्फ पदनाम बदला है। शर्तों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। नई शर्त जोड़ी है कि भविष्य में न तो इस पद के नाम से वित्तीय लाभ माना जाएगा न ही राजपत्रित अधिकारी घोषित किए जाने की मांग की जा सकेगी। पहले की तरह कार्यालय अध्यक्ष सरपंच ही रहेगा।

पंचायतीराज के अतिरिक्त आयुक्त के अनुसार ग्राम सेवक का पदनाम बदलने के बावजूद पंचायत में कार्यरत कनिष्ठ लिपिक एवं ग्राम विकास अधिकारी, दोनों वर्तमान व्यवस्था के अनुसार सरपंच के प्रति ही उत्तरदायी होंगे।दोनों अधिकारियों का रिपोर्टिंग चैनल समान रहेगा। इस स्थिति में दोनों अधिकारियों में कार्य विभाजन एवं जॉब चार्ट वर्तमान व्यवस्था के अनुसार ही रहेगा। नए पदनाम का हवाला देकर कोई अतिरिक्त दावा सामंत कमेटी के सामने अतिरिक्त लाभ के लिए नहीं किया जा सकेगा। पंचायतों के दिशा-निर्देशों के विहित ग्राम सेवक एवं सचिव पद के कर्तव्यों व दायित्वों का निर्वहन यथावत करते रहेंगे। ग्राम विकास अधिकारी एवं कनिष्ठ लिपिक पंचायत में एक-दूसरे के लिंक ऑफिसर के रूप में कार्य करेंगे।

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