गैर मुसलिमो को कोनसा कर देना पडता था
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koi bhi nhi pagal aurat. Ja ke chullu bhar paani me doob mar
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आज से करीब 450 साल पहले मुगल शासक अकबर ने जजिया कर को खत्म कर दिया था. यह कर सिर्फ गैर-मुस्लिमों से ही वसूला जाता था और कई शासनकाल में इस कर को लेकर कुछ शर्ते थीं, जबकि कुछ शासकों ने इसे सभी गैर मुस्लिमों के लिए आवश्यक किया हुआ था. आइए जानते हैं जजिया कर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें...
- यह कर गैर मुस्लिम नागरिकों से लिया जाता था. कहा जाता है कि इस कर से आने वाली राशि को दान, तनख्वाह और पेंशन बांटने के लिए होता था. वहीं कुछ शासक इसका इस्तेमाल सैन्य खर्चों के लिए भी करते थे. वहीं कई जगह जानकारी मिलती है इस कर से मिलने वाले पैसे को शासक के निजी कोष में जमा किया जाता था.
Explanation:
आज से करीब 450 साल पहले मुगल शासक अकबर ने जजिया कर को खत्म कर दिया था. यह कर सिर्फ गैर-मुस्लिमों से ही वसूला जाता था और कई शासनकाल में इस कर को लेकर कुछ शर्ते थीं, जबकि कुछ शासकों ने इसे सभी गैर मुस्लिमों के लिए आवश्यक किया हुआ था. आइए जानते हैं जजिया कर से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातें...
- यह कर गैर मुस्लिम नागरिकों से लिया जाता था. कहा जाता है कि इस कर से आने वाली राशि को दान, तनख्वाह और पेंशन बांटने के लिए होता था. वहीं कुछ शासक इसका इस्तेमाल सैन्य खर्चों के लिए भी करते थे. वहीं कई जगह जानकारी मिलती है इस कर से मिलने वाले पैसे को शासक के निजी कोष में जमा किया जाता था.