ग्राम श्री कविता का भावार्थ? class 9 please ans I will mark you brainliest
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ग्राम श्री का भावार्थ -फसलों की मखमली, कोमल हरियाली खेतों में दूर-दूर तक फैली हुई है सूरज की किरणें उससे ऐसे लिपट गई हैं जैसे उस हरियाली पर चाँदी की उजली जाली लपेट दी गई हो। ... फसलों की हरीतिमा से साँवली हुई धरती के ऊपर विशाल आकाश का कभी न धूमिल पड़ने वाला नीला आकाश (फलक) मानों नीचे झुककर धरती को छू लेना चाहता है। hope it helps you army sarangae
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Explanation:
इस कविता में कवियत्री ने गाँव में छायी हरियाली का दिल छू लेने वाला वर्णन किया है। यहाँ जाड़े के मौसम का अंत तथा वसंत ऋतू का आगमन का दृश्य प्रस्तुत किया गया है।
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