ग्राम्या किस कवि की रचना है
Answers
Answer:
ग्राम्या में मेरी युगवाणी के बाद की रचनाएँ संग्रहीत हैं। इनमें पाठकों को ग्रामीणों के प्रति केवल बौद्धिक सहानुभूति ही मिल सकती है। ग्राम जीवन में मिलकर, उसके भीतर से, ये अवश्य नहीं लिखी गई हैं। ग्रामों की वर्तमान दशा में वैसा करना केवल प्रति-क्रियात्मक साहित्य को जन्म देना होता। ‘युग’, ‘संस्कृति’ आदि शब्द इन रचनाओं में वर्तमान और भविष्य दोनों के लिए प्रयुक्त हुए हैं, जिसे समझने में पाठकों को कठिनाई नहीं होगी; ग्राम्या की पहिली कविता ‘स्वप्न पट’ से यह बात स्पष्ट हो जाती है। ‘बापू’ और ‘महात्मा जी के प्रति’, ‘चरखा गीत’ और ‘सूत्रधर’ जैसी कुछ कविताओं में बाहरी दृष्टि से एक विचार-वैषम्य जान पड़ता है, पर यदि हम ‘आज’ और ‘कल’ दोनों को देखेंगे तो वह विरोध नहीं रहेगा। अंत में मेरा निवेदन है कि ग्राम्या में ग्राम्य दोषों का होना अत्यन्त स्वाभाविक है, सहृदय पाठक उसमें विचलित न हों।
Answer:
还非得gf 好方法哈 ID学SF 预感 预感 一个