ग्रामगीता या ग्रंथातून या विषयी आवाहन
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ग्रामगीता, तुकडोजी महाराज द्वारा मराठी भाषा में रचित एक महाकाव्य है जिसमें भारतीय ग्राम्य जीवन के विविध पक्षों का चित्रण है। यह काव्य ग्रामीण समुदाय के विकास के लिये एक आदर्श सन्दर्भ ग्रन्थ है।
तुकडोजी महाराज जानते थे कि भारत गांवों में बसता है, अतः उसको वह स्वर्ग बनाना चाहते थे। ऋग्वेद का ‘विश्वपुष्टे ग्रामे अस्मिन्ननातुराम्’ को उन्होंने प्रेरणा ही मान लिया था।
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ग्रामगीता, तुकडोजी महाराज द्वारा मराठी भाषा में रचित एक महाकाव्य है जिसमें भारतीय ग्राम्य जीवन के विविध पक्षों का चित्रण है। यह काव्य ग्रामीण समुदाय के विकास के लिये एक आदर्श सन्दर्भ ग्रन्थ है।
तुकडोजी महाराज जानते थे कि भारत गांवों में बसता है, अतः उसको वह स्वर्ग बनाना चाहते थे। ऋग्वेद का ‘विश्वपुष्टे ग्रामे अस्मिन्ननातुराम्’ को उन्होंने प्रेरणा ही मान लिया था।
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