History, asked by sanjayrajak528837, 3 months ago

गुरु नानक की शिक्षाओं का वर्णन कीजिए​

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Answered by baniver08
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हमारे समाज में गुरू का स्थान माता पिता के समान ही माना जाता है. गुरू की महिमा का व्याखान हमें ग्रंथों और पुराणों तक से मिलता है. भारत के सिक्ख धर्म के पहले गुरू गुरू नानक देव भी अपने धर्म के सबसे बड़े गुरू माने जाते हैं और उन्होंने अपने संपूर्ण जीवन में गुरू की महिमा का व्याख्यान किया और समाज में प्रेम भावना को फैलाने का कार्य किया. गुरू नानकदेव जी ने अपनी शिक्षा से लोगों में एकता और प्रेम को बढ़ावा दिया. आज गुरू नानकदेव जी की पुण्यतिथि है.

गुरु नानक देव जी के जीवन के अनेक पहलू हैं. वे जन सामान्य की आध्यात्मिक जिज्ञासाओं का समाधान करने वाले महान दार्शनिक, विचारक थे तथा अपनी सुमधुर सरल वाणी से जनमानस के हृदय को झंकृत कर देने वाले महान संत कवि भी. उन्होंने लोगों को बेहद सरल भाषा में समझाया कि सभी इंसान एक दूसरे के भाई हैं. ईश्वर सबका साझा पिता है. फिर एक पिता की संतान होने के बावजूद हम ऊंचे-नीचे कैसे हो सकते है.

"अव्वल अल्लाह नूर उपाया, कुदरत के सब बंदे एक नूर तेसब जग उपज्या, कौन भले को मंदे"

गुरु नानक का जन्म आधुनिक पाकिस्तान में लाहौर के पास तलवंडी में 15 अप्रैल, 1469 को एक हिन्दू परिवार में हुआ जिसे अब ननकाना साहब कहा जाता है. पूरे देश में गुरु नानक का जन्म दिन प्रकाश दिवस के रूप में कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. नानक के पिता का नाम कालू एवं माता का नाम तृप्ता था.

गुरुनानक देव जी की दस शिक्षाएं

1. ईश्वर एक है.

2. सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो.

3. ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है.

4. ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता.

5. ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए.

6. बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएं.

7. सदैव प्रसन्न रहना चाहिए. ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा मांगनी चाहिए.

8. मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए.

9. सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं.

10. भोजन शरीर को ज़िंदा रखने के लिए जरूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है.

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