Accountancy, asked by Ajaythakut2082, 11 months ago

गार्नर बनाम मर्रे"" के निर्णय की क्रियाशीलता को समझाइए | क्या यह नियम भारत में लागू होता है ? इस निर्णय के लागू न होने पर साझेदारों के खातो पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

Answers

Answered by puchudas11072001
4

please write your in English

Answered by sk6528337
9

गार्नर बनाम मर्रे रुल

Explanation:

  • इस नियम के अन्तर्गत ये तय किया जा है की जब साझेदार व्यापारिक या साझेदारी एग्रीमेंट नहीं बनाते तो व्यवसाय के दिवालिया होने पर किस अनुपात में उनके द्वारा हानी का वहन किया जाएगा।

  • हां , यह नियम भारत में सेक्शन 48 of partnership Act 1934 के रूप में लागू है, जो कि गार्नर बनाम मर्रे नियम की समान है

  • जब किसी साझेदारों का पूंजी खाता फर्म के विघटन पर एक डेबिट बैलेंस दिखाता है, तो साझेदारों को अपने खाते को निपटाने के लिए फर्म को डेबिट शेष का भुगतान करना होता है।

  • और यदि पार्टनर दिवालिया हो जाता है, और वह पूरी तरह से फर्म को उसके द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने में असमर्थ है। भुगतान नहीं की गई राशि उस फर्म को नुकसान होती है, जो गार्नर बनाम मरे नियम के तहत विलायक उनकी पूंजी के अनुपात में भागीदारों द्वारा वहन कि जाती है।

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