(ग) रूपक अलंकार
उदाहरण
स्पष्टीकरण
घ) मानवीकरण अलंकार
उदाहरण
Answers
रूपक अलंकार..
जहाँ उपमेय में उपमान का निषेधरहित आरोप हो अर्थात् उपमेय और उपमान को एक रूप कह दिया जाए, वहाँ रूपक अलंकार होता है;
जैसे-
“बीती विभावरी जाग री।
अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा-नागरी”।
यहाँ अम्बर-पनघट, तारा-घट, ऊषा-नागरी में उपमेय उपमान एक हो गए हैं, अत: रूपक अलंकार है।
मानवीकरण अलंकार..
जहाँ मानवेतर प्राणियों या जड़ पदार्थों पर मानवीय भावनाओं का आरोप होता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है।
- ) लो यह लतिका भी भर लाई
मधु मुकुल नवल रस गागरी।
- () दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही
संध्या सुंदरी परी-सी धीरे-धीरे।
- () मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
- 8) आए महंत बसंत।
- (9) कलियां दरवाजे खोल खोल जब झुरमुट में मुस्काती हैं।
Answer:
ग.राम रतन' – उपमेय पर 'धन' – उपमान का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है। 2. वन शारदी चन्द्रिका-चादर ओढ़े। स्पष्टीकरण-चाँद की रोशनी को चादर के समान ना बताकर चादर ही बता दिया गया है।
घ.मुस्कुराना आदि क्रियाएं तो सिर्फ मानव ही करते हैं। ... हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है। अतएव यह उदाहरण मानवीकरण अलंकार के अंतर्गत आएगा। जगी वनस्पतियाँ अलसाई मुह धोया शीतल जल से