Social Sciences, asked by nadeemzoya0833, 3 months ago

गैर परंपरागत ऊर्जा के साधनों के प्रयोग को अधिक महत्व क्यों दिया गया जा रहा है? व्याख्या कीजिए|​

Answers

Answered by ssuresh1984
13

here your answer ⤵️

वर्तमान में भारत उन गिने-चुने देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने 1973 से ही नए तथा पुनरोपयोगी ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करने के लिए अनुसंधान और विकास कार्य आरंभ कर दिए थे। परन्तु, एक स्थायी ऊर्जा आधार के निर्माण में पुनरोपयोगी ऊर्जा या गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के उत्तरोत्तर बढ़ते महत्व को तेल संकट के तत्काल बाद 1970 के दशक के आरंभ में पहचाना जा सका।

आज पुनरोपयोगी और गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के दायरे में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल विद्युत्, बायो गैस, हाइड्रोजन, इंधन कोशिकाएं, विद्युत् वहां, समुद्री उर्जा, भू-तापीय उर्जा, आदि जैसी नवीन प्रौद्योगिकियां आती हैं।

खाना बनाने के लिए विश्व की सबसे बड़ी सौर वाष्प प्रणाली आध्र प्रदेश में तिरूमला में स्थापित की गई। गांवों में डिश और कुकरों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। सौर ऊर्जा से हवा को गर्म कर उससे कृषि एवं औद्योगिक उत्पादों को सुखाने की प्रणाली भी इस्तेमाल की जा रही है। इससे पारम्परिक ईंधन की काफी बचत हुई है।

Explanation:

✳️ helpful for you✳️

Similar questions